इंतेज़ार।
क्या एक शाम हमें मिल पाओगे? बस बातें पूरी करले,वो जो कभी शुरू ही नहीं हुई, या अधूरी रेह गई?कही एसे जगह मिले, जहां वक़्त भी ना हमे खोज पाये!एक एसा पल हो जहां मैं उस चाँद को निहारू और तुम मुझे,बातें करने के लिए हर बार क्या शब्द ज़रूरी है?क्या पता बिना कुछ कहे आखें सब बयान कर जाये!हमें यक़ीन हैं तुम भी याद करते हो हमें, तो मिलोगे ना बातें पूरी करने? इंतज़ार करेंगे!